रोशनी का उत्सव दिवाली मनाने का कारण Reason For Celebrating Diwali Festival





Reason For Celebrating Diwali Festivalहम दिवाली क्यों मनाते हैं? दिवाली मनाने के पीछे 10 पौराणिक और ऐतिहासिक कारण हैं। दिवाली सिर्फ हिंदुओं का ही नही बल्कि अन्य सभी वर्ग के लोगों के लिए इस महान उत्सव को मनाने के लिए अच्छे कारण हैं।

1. देवी लक्ष्मी का जन्मदिन Birthday Of Goddess Lakshmi: धन की देवी और भगवान विष्णु की धर्मपत्नी लक्ष्मी है। लक्ष्मी हिंदू धर्म के प्रमुख देवी देवताओं में से एक है।पौराणिक कथाओं के अनुसार, वे समुद्र मंथन के दौरान कार्तिक महीने के अमावस्या को प्रगट हुई थी। इसी लिए कार्तिक महीने के अमावस्या को लक्ष्मी जी का पूजा किया जाता है।

2. नरकासुर को भगवान कृष्ण द्वारा मारा जाना Narakasura Killed By Lord Krishna: दिवाली से पहले वाले दिन, भगवान कृष्ण ने राक्षस राजा नरकासुर को मारा था। नरकासुर तीनों लोकों पर हमला किया था, और वहां के प्राणियों को यातना देने में उसे खुशी होता था। श्रीकृष्ण ने 16,000 महिलाओं को कैद से बचाया। इस दिन स्वतंत्रता का उत्सव दिवाली के रूप मे मनाया गया। दिवाली के पहले नरकासुर के हत्या के याद मे नरक चतुर्दसी मनाया जाता है।

3. रामचन्द्र जी का विजय Victory Of Lord Ramchandra: रामायण के अनुसार रावण को पराजित करके और लंका पर विजय प्राप्त करने के बाद भगवान राम, मां सीता और लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटे। भगवान राम के अयोध्या आने के खुशी मे वहां के नागरिकों ने पूरे शहर को मिट्टी के दीपक से सजाया। दिवाली का त्यौहार भगवान राम की जीत के सम्मान में है।




4. पांडवों की वापसी Return Of Pandava: महाभारत महाकाव्य के अनुसार, कार्तिक अमस्या को ही पांडव (युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल और सहदेव) 12 साल के वनवास पूरा हुआ। इस दिन पांडवों से प्यार करने वाले लोग मिट्टी के दीपकों से प्रकाशित करके इस दिन खुशी मनाया।

5. इस दिन भगवान विष्णु ने लक्ष्मी को बचाया Lord Vishnu Saved Lakshmi On This Day: कार्तिक मास के अमावस्या को भगवान विष्णु अपने पांचवें अवतार में वामन-अवतार (बौने का अवतार) धारण करके लक्ष्मी जी को जेल से बचाया था। दिवाली पर मां लक्ष्मी का पूजा करने का यह एक और कारण है।

6. विक्रमादित्य का राजतिलक Rajtilak Of Vikramaditya: हिंदूओं के महान राजाओं में से एक, विक्रमादित्य का दिवाली के दिन राजतिलक करके ताज पहनाया गया था। विक्रमादित्य एक पौराणिक और ऐतिहासिक सम्राट हुए थे। उन्हे एक आदर्श राजा के रूप में माना जाता है । वे उदारता, साहस और विद्वानों के संरक्षण के लिए जाने जाते है। उनका राजतिलक का दिन भी दिवाली के लिए एक ऐतिहासिक घटना बन गया।

7. आर्य समाज के लिए विशेष दिन Special Day For Arya Samaj: 19 वीं शताब्दी मे महर्षि दयानंद सरस्वती , हिंदू धर्म के महानतम समाज सुधारकों में से एक थे। वे आर्य समाज के संस्थापक भी थे। दिवाली के दिन ही अपना निर्वाण प्राप्त किये थे।




8. जैन धर्म के लिए विशेष दिन Special Day For Jainism: महावीर तीर्थकंर को आधुनिक जैन धर्म का संस्थापक माना जाता है। उनका निर्वाण भी दिवाली के दिन ही हुआ था। महावीर अपना शाही जीवन को त्याग करके तपस्या करने मे लग गये थे। 43 वर्ष की उम्र में वे ज्ञान की स्थिति प्राप्त किये और जैन धर्म के दर्शन की शिक्षा लोगों को देना शुरू किये।

9. पोप का दिवाली पर चर्चा Sermon Of Pope On Diwali: 1999 में, पोप जॉन पॉल द्वितीय ने एक भारतीय चर्च में एक विशेष यूचरिस्ट का प्रदर्शन किया जहां वेदी दीवाली के दीपक से सजाया गया था। पोप के माथे पर तिलक था और उनके उपदेश प्रकाश का त्यौहार दिपावली पर था।

10. सिखों के लिए विशेष दिन Special Day For Sikh: तीसरे सिख गुरु अमर दास जी ने दिवाली को लाल-पत्र दिवस के रूप में मनाया। इस दिन सभी सिख गुरुओं का आशीर्वाद लेने के लिए एकत्र हुए। 1577 में, अमृतसर में स्वर्ण मंदिर का आधारशिला दिवाली पर रखा गया था। 1691 में, मुगल सम्राट जहांगीर द्वारा आयोजित छठे सिख गुरु हरगोबिंद सिंह जी को 52 राजाओं के साथ ग्वालियर किले से रिहा किया गया था।

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