हृदय रोग के लिए घरेलू उपचार Home Remedies For Heart Disease





Home Remedies For Heart Diseaseहृदय रोग से कई समस्यायें संदर्भित होती है जो दिल की कार्यों और संरचना को प्रभावित करते हैं। यह धमनी के दीवारों में प्लेक बिल्डअप (plaque buildup) से संबंधित होता है, जो धमनियों को संकुचित (narrowing) करने का वजह बनता है और धमनियों मे रक्त प्रवाह में बाधा आती है और दिल के दौरे या स्ट्रोक का जोखिम बढ़ जाता है।

हृदय रोग में जन्मजात हृदय रोग, दिल के वाल्व की समस्या, कोरोनरी धमनी रोग, अनियमित दिल की धड़कन (एरिथिमिया), दिल की विफलता आदि शामिल हैं।

हृदय रोग के प्रकार पर निर्भर करता है कि कारण और लक्षण क्या है। सीने में दर्द, सांस की तकलीफ, धीमी या तेज दिल की धड़कन, थकान , हल्केपन और झुकाव हृदय रोग के कुछ सामान्य लक्षण होते हैं।

हृदय रोग के खतरा का वजह – उच्च रक्तचाप, मधुमेह, उच्च कोलेस्ट्रॉल, अत्यधिक शराब या कैफीन का सेवन, मोटापा, तनाव,धूम्रपान, नशीली दवाओं के सेवन, गतिहीन जीवनशैली (आरामदायक जीवनशैली) , उम्र बढ़ना और परिवार का इतिहास।




हृदय रोग का इलाज करने के लिए डॉक्टर से परामर्श करना आवश्यक है। इसके अलावा आप अपने जीवनशैली में परिवर्तन करते हुए कुछ घरेलू उपचार का उपयोग कर सकते हैं। इन जड़ी बूटी और घरेलू उपचार को लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श ले लें।

उच्च रक्तचाप के लिए घरेलू उपचार Home Remedies For High Blood Pressure

दिल की बीमारी के लिए मुख्य घरेलू उपचार- Home Remedies For Heart Disease

1. लहसुन Garlic

कोरोनरी हृदय रोग , उच्च रक्तचाप और उच्च कोलेस्ट्रॉल जैसी स्थितियों के लिए लहसुन फायदेमंद पाया गया है। यह एथेरोस्क्लिरोसिस या धमनियों की सख्तता (atherosclerosis or hardening of the arteries) के विकास को धीमा करने में सहयेग करता है।

• रोज एक या दो ताजा लहसुन की कली खाना चाहिए। आप प्रतिदिन 3 बार ले सकते है। यदि आपको लहसुन का स्वाद बहुत तेज लगता है, तो लहसुन खाने के बाद एक गिलास दूध पी लें।

नोट: लहसुन मे खून को पतला करने वाला गुण है। इसलिए इसे लेने से पहले अपने डॉक्टर से राय ले लें।

2. अर्जुन Arjun&lt

अर्जुन (Terminalia) दिल की बिमारी के लिए महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है। इसे एक प्राकृतिक कार्डियो-टॉनिक और कार्डियाक पुनर्स्थापन (cardiac restorative )माना जाता है। अर्जुन कार्डियक मांसपेशियों को मजबूत करता है, धमनियों के congestion को कम करता है और रक्तचाप को कम करता है।

भारत के कस्तुरबा मेडिकल कॉलेज के शोधकर्ताओं (researchers) द्वारा अध्ययन में पाया गया कि अर्जुन ने एंजिना के attacks को 30 प्रतिशत तक कम करने में मदद किया। इसके अलावा, इस जड़ी बूटी का लंबे समय तक सेवन करने पर कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ा।

  • अर्जुन के पेड़ के छाल का पाउडर आधा चम्मच और थोड़ा सा शहद गर्म पानी के गिलास में मिला कर कुछ महीने रोज तीन बार पीएं।
  • आप रोज हर आठ घंटे बाद 500 मिलीग्राम इस जड़ी बूटी को ले सकते हैं। कम से कम तीन महीने के लिए इस प्राकृतिक उपचार को जारी रखें।




3. हल्दी turmeric

अध्ययनो से पता चलता है कि हल्दी एथेरोस्क्लिरोसिस (atherosclerosis) को रोकने में सहयोग करता है। हल्दी में एक सक्रिय घटक होता है जिसे curcumin कहा जाता है जो कोलेस्ट्रॉल , प्लेक बिल्डअप (plaque buildup) और क्लोट गठन को कम करके दिल के स्वास्थ्य को ठीक बनाने मे मदद करता है।

इसके अलावा, यह एलडीएल को कम करने में मदद करता है। यह और कई पुरानी बीमारियों में सहयोग करता है।

  • खाना पकाने में नियमित रूप से हल्दी का प्रयोग करें।
  • आप एक कप पानी या दूध में एक चम्मच हल्दी पाउडर भी उबालें। इसे कुछ हफ्तों तक रोजाना दो बार पीएं।
  • हल्दी का सामान्य खुराक 400 से 600 मिलीग्राम हल्दी पाउडर दैनिक तीन बार है। अपने मामले मे उचित खुराक के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
4. केयेन मिर्च Cayenne pepper

केयेन मिर्च हृदय और परिसंचरण संबंधी समस्याओं (circulatory problems ) के इलाज के लिए फायदेमंद होता है। यह अनियमित हृदय ताल के खतरे को कम करने में सहायता करता है और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है। इसमे मौजूद फाइटोकेमिकल्स रक्त को शुद्ध करता हैं और प्रतिरक्षा (immunity) में वृद्धि करता हैं।

  • एक कप गर्म पानी में आधा चम्मच केयेन मिर्च मिलाएं। अच्छी तरह से मिलाकर इसे पीयें। कुछ हफ्ते रोज दो या तीन बार लें।
  • एक और तरिका है कि केयेन कैप्सूल लें। अपने मामले मे उचित खुराक के लिए अपने डॉक्टर से राय लें।




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