ममता बनर्जी की जीवनी Biography Of Mamta Banerjee





Biography Of Mamta Banerjeeममता बनर्जी का जन्म 5 जनवरी 1955 को कलकत्ता (नया नाम कोलकाता ), पश्चिम बंगाल में एक निम्न-मध्यम वर्गीय बंगाली परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम प्रोमिलेश्वर बनर्जी और माता का नाम गायत्री देवी था। जब इनका उम्र नौ साल का था तभी इनके पिता का देहान्त हो गया। ये योगमाया देवी महाविद्यालय से बी.ए. किये इसके बाद शिक्षाशास्त्र महाविद्यालय से इस्लामिक इतिहास से एम.ए. किये। कोलकाता के योगेश चंद्र चौधरी लॉ कॉलेज से कानून मे डिग्री लिए। इनके राजनीतिक पार्टी का नाम अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस है।

राजनीति मे योगदान Contribution To Politics

ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल के 8वें तथा 9वें मुख्यमंत्री, कोलकाता दक्षिण से संसद सदस्य , जादवपुर से संसद सदस्य, रेल मंत्री तथा पश्चिम बंगाल विधान सभा के सदस्य रहीं है।

ममता बनर्जी के बारे में मुख्य बातें Main Points About Mamta Banerjee

ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल के नौवे मुख्यमंत्री हैं। वे राज्य में मुख्यमंत्री पद संभालने वाली प्रथम महिला हैं। 19 मई 2016 को, वे लगातार दूसरे बार जीत हासिल करने वाली एकमात्र महिला सीएम बनीं। 1997 में, ममता बनर्जी खुद को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से अलग कर लिया तथा अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस का स्थापना की, जिसे एआईटीएमसी या टीएमसी भी कहा जाता है।

ममता बनर्जी बंगाल में “दीदी” (बड़ी बहन) के नाम से लोकप्रिय हुई। पश्चिम बंगाल के 2011 मे हुए विधान सभा चुनाव में व्यापक जीत हासिल करके राज्य में इतिहास रचीं, इस चुनाव में कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व वाली 34 वर्षीय वाम मोर्चा सरकार का हार हुआ था। वाम मोर्चा की यह सरकार दुनिया में सबसे लंबे समय तक चलने वाली लोकतांत्रिक ढंग से चुनी गई कम्युनिस्ट सरकार थी। ममता बनर्जी के पास देश की प्रथम महिला रेल मंत्री होने का रिकॉर्ड भी है।

भारत के सबसे बड़े भ्रष्टाचार विरोधी संगठन, इंडिया अगेंस्ट करप्शन ने मई 2013 में, ममता बनर्जी को भारत के सबसे ईमानदार राजनेता के रूप में माना था। वे हमेशा सरल जीवन शैली को बनाए रखा। ऐसे संगठन जो गरीब बच्चों और महिलाओं के कल्याण और विकास को बढ़ावा देती हैं , ममता बनर्जी कई ऐसे संगठनों से जुड़ी हैं।



राजनीति में प्रवेश Entry In Politics

ममता बनर्जी कम उम्र मे ही राजनीति में प्रवेश कर लिए थे। जब वे स्कूल में थीं तभी वे राज्य के कांग्रेस (आई) पार्टी में शामिल हो गईं तथा राजनीतिक समूहों के भीतर कई पदों पर कार्य किया। 1970 के दशक में वे सक्रीय राजनीति मे आईं। उन्हें 1976 से 1980 तक महिला कांग्रेस महासचिव बनाया गया।

ममता बनर्जी का राजनीतिक यात्रा Political Journey Of Mamta Banerjee

  • 1976 – 1980: पश्चिम बंगाल में महिला कांग्रेस (I) का महासचिव।
  • 1978-1981: कलकत्ता दक्षिण के कांग्रेस कमेटी (इंदिरा) के जिला सचिव।
  • 1984: 8वीं लोकसभा के सांसद के रूप में चुने गए। ऑल इंडिया यूथ कांग्रेस (I) के महासचिव भी बने।
  • 1985-1987: अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण संबंधी समिति के सदस्य।
  • 1987-1988: मानव संसाधन विकास मंत्रालय की सलाहकार समिति के सदस्य, ,गृह मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति के सदस्य।
  • 1988: कांग्रेस संसदीय दल की कार्यकारी समिति के सदस्य।
  • 1989: राज्य की कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी सदस्य।
  • 1990: पश्चिम बंगाल के युवा कांग्रेस अध्यक्ष।
  • 1991: 10 वीं लोकसभा के सदस्य।
  • 1991-1993: मानव संसाधन विकास,केंद्रीय युवा मामले और खेल विभाग, महिला और बाल विकास राज्य मंत्री
  • 1993-1996: गृह मामलों की समिति के सदस्य
  • 1995-1996: गृह मंत्रालय के सलाहकार समिति के सदस्य तथा लोक लेखा संबंधी समिति के सदस्य
  • 1996: 11 वीं लोकसभा के सदस्य के रूप में तीसरे बार निर्वाचित
  • 1996-1997: गृह मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति के सदस्य
  • 1997: अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस की स्थापना की और इसके अध्यक्ष बने
  • 1998: 12 वीं लोकसभा के सदस्य के रूप में पुन: निर्वाचित (चौथी बार)
  • 1998 – 1999: रेलवे समिति के अध्यक्ष और सामान्य प्रयोजन समिति के सदस्य
  • 1998 – 1999: रेलवे समिति के अध्यक्ष, गृह मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति के सदस्य, सामान्य प्रयोजन समिति के सदस्य
  • 1999: 13 वीं लोकसभा (पांचवीं बार) के सदस्य के रूप में निर्वाचित; सामान्य प्रयोजन समिति के सदस्य के रूप में नियुक्त; लोकसभा में अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के नेता
  • 13 अक्टूबर 1999-16 मार्च 2001: केंद्रीय कैबिनेट रेल मंत्री
  • 2001-2003: उद्योग मंत्रालय की सलाहकार समिति के सदस्य
  • 8 सितंबर 2003- 8 जनवरी 2004: केंद्रीय कैबिनेट मंत्री लेकिन बिना किसी पोर्टफोलियो के
  • 9 जनवरी 2004-मई 2004: केंद्रीय कैबिनेट मंत्री कोयला और खान
  • 2004: छठी बार 14 वीं लोकसभा के सदस्य के रूप में चुने गए। कानून और न्याय, लोक शिकायत और कार्मिक समिति के सदस्य भी बने।
  • 5 अगस्त 2006: गृह मामलों की समिति के सदस्य
  • 2009: 15 वीं लोकसभा के सदस्य के रूप में निर्वाचित (सातवीं बार)
  • 31 मई 2009-19 जुलाई 2011: केंद्रीय कैबिनेट मंत्री रेलवे; संसद के लोकसभा में अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के नेता
  • 9 अक्टूबर 2011: 15 वीं लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया
  • 20 मई 2011: पश्चिम बंगाल की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं।
  • 19 मई 2016: वह लगातार दूसरी बार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनीं।

ममता बनर्जी की गतिविधियाँ और उपलब्धियाँ Activities And Achievements Of Mamta Banerjee

ममता बनर्जी ने 1997 में कांग्रेस से अलग होने के बाद सफलतापूर्वक एक नई पार्टी बनाई। नई पार्टी, ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस, बाद में सीपीआई (एम) के नेतृत्व में पश्चिम बंगाल में प्राथमिक विपक्षी पार्टी बन गई।

2002 में, रेल मंत्री बनने के बाद, उन्होंने नई ट्रेनों की शुरुआत की, कुछ एक्सप्रेस ट्रेन सेवाओं का विस्तार किया, पर्यटन को विकसित करने के उद्देश्य से कुछ ट्रेनों की आवृत्ति बढ़ाई और भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम का भी प्रस्ताव रखा।

  • २० मई २०११ को, वे पश्चिम बंगाल की प्रथम महिला मुख्यमंत्री बनीं। इनकी पार्टी ३४ साल पुरानी वाम मोर्चे की सरकार को समाप्त किया।
  • भारत के प्रतिनिधि के रूप में वियतनाम में विश्व युवा सम्मेलन में भाग लिया।
  • कुआलालंपुर में आयोजित ICFTU और ILO के कामकाजी महिला सम्मेलन में भाग लिया।
  • अमेरिकी महासभा में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
  • रूस में एक महिला सांसद के रूप में आयोजित विश्व महिला गोलमेज सम्मेलन में राष्ट्र का प्रतिनिधित्व किया।
  • लंबे समय से चली आ रही गोरखालैंड समस्या के समाधान के लिए पहल करने का श्रेय ममता बनर्जी को भी जाता है। 2 सितंबर 2011 को, दार्जिलिंग को प्रशासित करने के लिए गोरखालैंड टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन (GTA) नामक एक अर्ध-स्वायत्त निकाय का गठन किया गया था।
  • भारत में, विशेष रूप से पश्चिम बंगाल में महिलाओं पर लॉक-अप और अत्याचार में मौतों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किये।
  • टाइम पत्रिका ने 2012 में विश्व के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों में उनका उल्लेख किया है, ब्लूमबर्ग मार्केट्स पत्रिका ने उन्हें सितंबर 2012 में 50 सबसे प्रभावशाली लोगों के रूप में चिह्नित किया।





बंगाली में ममता बनर्जी की मुख्य किताबें Mamta Banerjee’s Books In Bengali

  • मातृभूमि
  • अनुभूति
  • उपलब्धी
  • मां-माटी-मानुष
  • तृणमूल
  • गणोटत्रे लज्जा
  • एंडोलनर कथा
  • अशुभ शौनकुट
  • जागो बंगला

अंग्रेजी में ममता बनर्जी की पुस्तकें Mamta Banerjee’s Books In English

  • लोकतंत्र का वध
  • मुस्कुराओ
  • अस्तित्व के लिए संघर्ष करें
  • डार्क क्षितिज

Jane Story Of Narendra Modi In Hindi



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