कार्तिक महीने का महत्व Importance Of The Month Kartik





Importance Of The Month Kartikकार्तिक महीना को साधना और पूजा पाठ के लिए सबसे पवित्र महीना माना जाता है। कार्तिक महीना को दामोदर मास के नाम से भी जाना जाता है। यह महीना तपस्या के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। माना जाता है कि कार्तिक महीना मे किया गया धार्मिक कार्य सभी तीर्थयात्राओं के दौरे के बराबर फल प्रदान करता है। कार्तिक माह मानव जाति के कल्याण का समय माना जाता है। जैसे सत्ययुग जैसा कोई युग नहीं, वेद जैसा कोई धार्मिक ग्रंथ नहीं और पवित्र गंगा में डुबकी लगाने जैसा कोई तीर्थ नहीं है। वैसे ही कार्तिक माह जैसा कोई और माह नहीं है।

कार्तिक महीने का विशिष्ट समय Specific Time Of Kartik Month

देव प्रबोधिनी एकदशी, तुलसी विवाह, वैकुंठ चतुर्दशी दीपावली , छठ पूजा और कार्तिक पूर्णिमा, कार्तिक माह मे आने वाले शुभ अवसर हैं। देव प्रबोधिनी एकादशी को चतुरमास का अंत होता है। ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु देवशयनी एकादशी को योग निद्रा मे हो जाते है और कार्तिक महीना के देव प्रबोधिनी एकादशी को चार महीने बाद योग निद्रा से उठते हैं। भक्त गण भगवान विष्णु की जागृति के अवसर पर कई तरह के अनुष्ठान करते है।

कार्तिक माह में तुलसी विवाह Tulsi Wedding In Kartik Month

तुलसी विवाह शुक्ल पक्ष के एकादशी से कार्तिक महीने के पूर्णिमा तक मनाया जाता है। इस समय भगवान विष्णु का पवित्र तुलसी के साध औपचारिक विवाह का जश्न मनाया जाता है।



कार्तिक माह में वैकुंठ चतुर्दशी Vaikunth Chaturdashi In The Month Of Kartik

कार्तिक महीना मे वैकुंठ चतुर्दशी का दिन एक पवित्र दिन है जिसे कार्तिक पुर्णिमा से एक दिन पहले मनाया जाता है। इस दिन भक्त गण भगवान विष्णु और भगवान शिव दोनों को पूजा करते है और प्रार्थना करते है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु और भगवान शिव दोनों देवताओं ने एक-दूसरे को श्रद्धांजलि अर्पित किये थे। भगवान विष्णु ने भगवान शिव को तुलसी पत्तियां दिये थे और भगवान शिव ने भगवान विष्णु को बेल (बिल्ब) के पत्ते दिये थे।

कार्तिक पूर्णिमा को देव दिवाली के रूप मे भी मनाया जाता है। इस दिन कार्तिकेय का भी जन्म हुआ था। भगवान विष्णु का मत्स्य अवतार, वृंदा का जन्म भी इसी दिन हुआ था।

कलियुग में, कार्तिक महीना मोक्ष पाने के लिए सबसे अच्छा साधना के लिए समय कहा जाता है। महिलाएं इस महीने मे ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने के बाद राधा-दामोदर को प्रार्थना करती हैं। खास कर आंवला के पेड़ को जल दिया जाता है। पुराणों में ऐसा वर्णन है कि , इस महीने मे जीवन के सभी चार लक्ष्यों (पुरुषार्थ) – अर्थ (धन), धर्म (धार्मिकता), काम (सांसारिक सुख) और मोक्ष (मुक्ति) प्रदान करने के लिए अच्छा समय कहा जाता है। यह वह समय है जिसमें लोग स्वास्थ्य का सर्वोत्तम लाभ प्राप्त करते हैं। इस महीने के धार्मिक महत्व भगवान नारायण ने ब्रह्मा जी को समझाया था, ब्रह्मा जी ने इसे नारद को सुनाया, नारद जी ने इसे राजा पृथु को बताया । ऐसा माना जाता है कि इस पवित्र महीने मे भगवान विष्णु और भगवान शिव पृथ्वी लोक पर आते हैं।

कार्तिक महीना का महत्वपूर्ण बात Important Point Of The Month Of Kartik

इस महिना मे सूर्योदय (ब्रह्म मुहुर्त) से पहले बिस्तर छोड़ने का अभ्यास करना चाहिए, पास के नदी , तालाब, या झील में स्नान करें। ऐसा सम्भव ना हो तो हैंडपंप, टूटी या बाथरूम मे स्नान करके कार्तिक के पूरे महीने में सर्वशक्तिमान प्रभू का प्रार्थना करें। कार्तिक व्रत का पहला अनुष्ठान गंगा, विष्णु, शिव और सूर्य को याद रखना है। इन दिनो सात पवित्र नदियों- गंगा, यमुना, सरस्वती, नर्मदा, क्षिप्रा, गोदावरी या कावेरी में स्नान करना शुभ और फायदेमंद माना गया है। अगर ऐसा संभव नहीं है, तो स्नान करने के समय कोई भी पवित्र नदी को याद करके स्नान कर सकते है।

कार्तिक माह का एक रिवाज A Custom Of The Month Of Kartik

जो महिलाएं कार्तिक मास मे व्रत करती हैं, अक्षयनवमी के दिन आंवला के पेड़ के नीचे बैठ कर कार्तिक व्रत का कथा सुनती हैं। इस दिन, ब्राह्मणों को दान देने के अलावा, गुप्त दान की एक परंपरा भी है। इस दिन आंवला के पेड़ के नीचे ब्राह्मणों और अविवाहित लड़कों और लड़कियों को भोजन परोसा जाता है।कार्तिक मास मे गाय और चावल दान करना अच्छा माना गया है।




कार्तिक माह में रोशनी का उत्सव Celebration Of Lights In The Month Of Kartik

कार्तिक का महीना कई अन्य कारणों से भी महत्वपूर्ण है। कार्तिक माह के अमावस्या को पूरे देश में रोशनी के त्यौहार दीपावली, बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। ऐसा मान्यता है कि इस शुभ दिन पर माता लक्ष्मी हर जगह घूमती है और अपने भक्तों को सुखी जीवन के लिए आशीर्वाद देती है। इस महीना मे तुलसी के पेड़ को घर के प्रवेश द्वार के पास रक्खा जाता है और सूर्योदय और सूर्यास्त के समय तुलसी के पेड़ के पास दीपक जलाया जाता है। इन दिनों आकाश दीप भी जलाया जाता है। इसमे गोधूलि के समय तेल का दीपक जला कर मृत पूर्वजों को समर्पित किया जाता है।

कार्तिक मास मे खान – पान का परहेज Eating Abstinence In Kartik Month

इस महिने मे अत्यधिक नमक, तिल के बीज, बैंगन, शहद, लाल मसूर, साबुत मटर, मटर का दाल, लहसुन और प्याज खाने से बचना चाहिए। बासी या अशुद्ध भोजन खाने से परहेज करना चाहिए। इन दिनों ईमानदारी, दयालुता, सहायकता के गुण विकसित करना चाहिए और नकारात्मक भावनाओं से बचना चाहिए। इस महीना मे केवल नरक चतुर्दशी को ही शरीर पर तेल लगायें।

प्राकृतिक के साथ ताल – मेल Rhythm With Natural

कार्तिक मास मे गाय की पूजा करना चाहिए, जीवनोपयोगी पेड़ों का पूजा करना और गंगा में स्नान करने जैसे काम आधुनिक जीवन में भी गहरी प्रासंगिकता रखते हैं। ऐसा करने से प्रकृति का महत्व और पर्यावरण को बचाने का विचार आयेगा। कार्तिक महीने का व्रत करने वाला इस लोक और परलोक दोनो मे समृद्ध, ज्ञानवान, ताकतवर और धन से परिपूर्ण होता है। कोई व्यक्ति जो पूर्ण समर्पण और विश्वास के साथ कार्तिक महीने को व्रत करता है उसे पूर्ण खुशी और ईश्वर का आशीर्वाद मिलता है।

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