भारत में यौन हिंसा के कारण और महिलाओं की समस्यायें Causes Of Sexual Violence In India And Women’s Problems





Causes Of Sexual Violence In India And Women's Problems
हिंसा के खिलाफ कड़े कानून होने के बावजूद भारतीय महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा व्यापक पैमाने पर हो रहा है और इसकी जड़ें गहरी हैं। इस समस्या के कारणों पर नज़र डालने पर निम्नलिखित बातें समझ में आती है –

1. महिला पुलिस की कमी Shortage Of Female Police –

अध्ययनो से पता चलता है कि अगर महिला पुलिस अधिकारी उपलब्ध हों तो महिलाओं को यौन अपराधों का रिपोर्ट लिखवाने की संभावना अधिक होगा। भारत में अन्य एशियाई देशों की तुलना में महिला पुलिस अधिकारियों की संख्या बहुत कम है और जो है उन महिला पुलिस अधिकारीयों को गश्त की ड्यूटी नहीं दी जाती है। जब महिलाएं बलात्कार के आरोप को पुरुष पुलिस से रिपोर्ट करती हैं, तो उन्हें अक्सर अपमानित किया जाता है। कई बार रिपोर्ट लिखते समय पुरुष पुलिस, पीड़िता से अश्लील सवाल पूछते है।

2. पर्याप्त पुलिस नहीं Not Enough Police –

आम नागरिकों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त पुलिस नहीं है, और जो अधिकारी उपलब्ध हैं, उनके पास अक्सर बुनियादी सबूत एकत्र करने के लिए प्रशिक्षण और उपकरणों की कमी है।

दिल्ली दुनिया के सबसे बड़े महानगरीय पुलिस बलों में से एक है। लेकिन केवल एक-तिहाई ही वास्तविक पुलिसिंग में शामिल होते हैं, बाकी विभिन्न राजनेताओं, वरिष्ठ नौकरशाहों, राजनयिकों और अन्य लोगों को सुरक्षा सेवाएं देते हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार दिल्ली में प्रत्येक 200 नागरिकों के लिए एक पुलिस और प्रत्येक वीआईपी के लिए लगभग 20 पुलिस हैं। पुलिस का ड्यूटी करने वालों मे से कई मोटर चालकों पर निगरानी रखते है।



3. सार्वजनिक सुरक्षा का कमी Lack Of Public Safety:

भारत के अधिकारियों का कहना है कि देश के सार्वजनिक स्थान महिलाओं के लिए असुरक्षित हो सकता हैं। महिला और बाल विकास मंत्रालय की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सार्वजनिक जगहों पर महिलाओं के लिए शौचालयों की कमी है। जो महिलाएं शराब और धूम्रपान का सेवन करती हैं या पब में जाती हैं, उन्हें भारतीय समाज में नैतिक रूप से ठीक नहीं समझा जाता है, और गाँव के लोग महिलाओं का सेलफोन पर बात करना और बाजार जाना बलात्कार की घटनाओं में वृद्धि के लिए जिम्मेवार मानते है।

4. उत्तेजक कपड़ों को दोष देना Blaming Provocative Clothes :

1996 में भारत में न्यायाधीशों के सर्वेक्षण में, 68 प्रतिशत जवाब देने वालों ने कहा था कि उत्तेजक कपड़े बलात्कार का एक वजह है। ऐसा भी कहा जाता है कि मुस्लिम महिलाओं का यौन हिंसा इस लिए नही होता है कि वो अपना शरीर व चेहरा ढ़क कर रखती है।

5. पीड़ित को कलंकित करना Taint The Victim:

महिलाओं से जब छेड़छाड़ होती है, तो अक्सर पीड़ित को दोषी मानते हैं। पुलिस से लेकर अदालत में वकील भी इसी तरह अपना तर्क अक्सर देते है।




6. सुस्त न्याय प्रणाली Sluggish Justice System : न्यायाधीशों की कमी के कारण भारत की अदालत की कार्यवाही काफी धीमी है। देश में हर 1 मिलियन लोगों के लिए लगभग 15 न्यायाधीश हैं, जबकि चीन में 159 हैं। दिल्ली के एक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ने एक बार अनुमान लगाया था कि अकेले राजधानी दिल्ली के अदालती मामले को हल करने में 466 वर्ष लगेंगे।

7. बलात्कार पीड़ितों को समझौता करने के लिए प्रेरित करना Motivating Rape Victims To Compromise: अक्सर पीड़िता को दबाव डाला जाता है कि वो समझौता करके मामला खत्म करे। गांवो में कबीले के लोग बलात्कार पीड़ीता की शादी बलात्कारी पुरूष से करवाने के लिए दबाव भी डालते है। इस तरह के समझौते परिवारों या कबीले समूहों के बीच शांति बनाए रखने के लिए होते हैं। बलात्कारी को न्याय दिलाने के लिए लड़की की शादी करवाना अधिक महत्वपूर्ण माना जाता हैं।

8. महिलाओं की निम्न स्थिति Low Status Of Women:भारतीय समाज में महिलाओं की निम्न स्थिति एक बड़ा मुद्दा है। गरीब परिवारों के लिए बेटी की शादी में दहेज का भुगतान करना बेटियों को बोझ बना देती है। कन्या भ्रूण हत्या के कारण और देशों की तुलना में भारत में महिला-पुरुष का जनसंख्या अनुपात कम है। बेटों को बोटियों की तुलना में बेहतर खिलाया जाता है और अच्छे स्कूल में भेजे जाने की अधिक ज्यादा होती है और बेटियों के करियर की संभावनाएं बहुत कम होती हैं।

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